सनथ जयसूर्या ने अपने बल्ले से वे कमाल किए जो उस समय सोचे भी नहीं जा सकते थे। महज 48 गेंद पर शतक हो या फिर 17 गेंद पर हाफ सेंचुरी। जयसूर्या का नाम ही आक्रामक बल्लेबाजी का पर्याय बन गया था। गेंदबाज के रूप में शुरुआत करने के बाद तब के श्रीलंकाई कोच डेव वॉटमोर और कप्तान अर्जुन राणातुंगा ने जयसूर्या को सलामी बल्लेबाज बनाया। और फिर इसके बाद रमेश कालूविताराना के साथ मिलकर उन्होंने एक ऐसी सलामी जोड़ी बनाई जो दुनियाभर के गेंदबाजों के लिए खौफ बन गई। गेंद शॉर्ट हो या फुल, जयसूर्या का हमला पूरा रहता था। बेशक, वह ऐसे बल्लेबाज रहे जिन्होंने वनडे क्रिकेट को बदलकर रख दिया।
आज सनथ जयसूर्या का 51वां जन्मदिन है। आज ही के दिन 1969 को श्रीलंका के इस महान खिलाड़ी का जन्म हुआ था। जयसूर्या ने क्रिकेटीय दुनिया पर अपनी खतरनाक बल्लेबाजी का असर छोड़ा। 1996 में जब श्रीलंका ने वर्ल्ड कप जीता तो वह प्लेयर ऑफ द टूर्नमेंट रहे।
क्वॉर्टर फाइनल में इंग्लैंड के खिलाफ उन्होंने सिर्फ 44 गेंद पर 82 रन बनाकर कमाल कर दिया था।
इसके बाद इसी साल उन्होंने पाकिस्तान के खिलाफ सिंगापुर में 65 गेंद पर 134 रन बनाए और फिर महज 17 गेंद पर हाफ सेंचुरी लगाकर रेकॉर्ड बना दिया।
जयसूर्या सिर्फ वनडे में ही धमाका करने वाले नहीं थे। उन्होंने भारत के खिलाफ कोलंबो में 1997-98 में 340 रनों की पारी खेली थी जो उस समय किसी श्रीलंकाई बल्लेबाज द्वारा बनाया गया सर्वाधिक स्कोर था। इसके बाद इंग्लैंड के खिलाफ ओवल में 213 रनों की पारी खेली।
साउथ अफ्रीका के खिलाफ घरेलू सीरीज में 2000-01 में उन्होंने सिर्फ 156 गेंद पर 148 रन ठोक दिए। गॉल में इस मैच में साउथ अफ्रीका को पारी की हार मिली।
साल 2007 में वह वनडे इंटरनैशनल में 300 विकेट पूरे करने वाले तीसरे स्पिनर बने। इसके साथ ही वह 400 वनडे इंटरनैशनल मैच खेलने वाले पहले क्रिेकटर भी बने।
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