Helth & tips, &; Technology tips: WC: अफगानों से जीत, भारत को मिली 5 सीख

Sunday, June 23, 2019

WC: अफगानों से जीत, भारत को मिली 5 सीख

द्वैपायन दत्ता, नई दिल्ली शानदार फॉर्म में चल रही भारतीय टीम को अफगानिस्तान के खिलाफ के मुकाबले में जीत के लिए संघर्ष करना पड़ा। मैच से पहले लग रहा था कि अफगानिस्तान के खिलाफ भारत आसानी से जीत दर्ज करेगा लेकिन की कप्तानी वाली टीम को पहले बल्लेबाजी और फिर गेंदबाजी में पूरी ताकत लगानी पड़ी। इस मैच के बाद भारत को कुछ सीख मिली। चैंपियंस की सोच बड़ी टीमें हमेशा जानती हैं कि बुरे दिनों की छटपटाहट का सामना किस तरह करना होता है, जो भारत ने शनिवार को दिखाया। ने मैच में हर तरह से वापसी की जो राहुल द्रविड़ की कप्तानी वाली टीम इंडिया 2007 वर्ल्ड कप में बांग्लादेश के खिलाफ नहीं कर सकी थी। यह जीत भारत के लिए सीख भी है कि वह किसी भी टीम को हल्के में लेने की गलती नहीं कर सकता। देखें, ऋषभ पंत के लिए मौका भारतीय मिडिल ऑर्डर में एक बार फिर 'एक्स फैक्टर' की कमी दिखी। कोई भी दिन हो सकता है जब टीम के शुरुआती 3 खिलाड़ी परफॉर्म नहीं कर सकें, तब थोड़ा दबाव एमएस धोनी और हार्दिक पंड्या पर आ सकता है। ओपनर शिखर धवन की जगह टीम में शामिल ऋषभ पंत के पास यह मौका हो सकता है कि वह बड़े शॉट लगाएं जिसकी कमी अफगानिस्तान के मैच में नजर आई। पंत के लिए नंबर-4 या नंबर-6 जैसे स्थान हैं। हालांकि विजय शंकर नंबर-4 पर मजबूत हैं जो पेस बोलर भी हैं, जबकि नंबर-6 पर केदार जाधव हैं जिन्होंने 52 रन की अहम पारी खेली थी। फिर भी कुछ का मानना है कि यदि पंत होते तो अफगानिस्तान के खिलाफ कुल स्कोर 224 के बजाय 270 हो सकता था। पढ़ें, धोनी का दिनमहेंद्र सिंह धोनी को उनके किसी बुरे दिन के लिए हमेशा ही बल्लेबाजी की आलोचना करना गलत होगा लेकिन यह भी सच है कि उनकी 52 गेंदों पर 28 रन की धीमी पारी और फिर राशिद खान की गेंद को नहीं पढ़ पाना समझ में नहीं आता। इसमें कोई दोराय नहीं है कि कप्तान विराट की आक्रामक शैली के बीच धोनी का लगातार गेंदबाजों शमी और बुमराह से बातचीत ही अंतिम 3 ओवर में 24 रन बचाने में अहम रहा। शमी को कायम रखनापेसर भुवनेश्वर कुमार ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 2 अहम विकेट झटके थे, उनका शांत स्वभाव प्लस पॉइंट रहता है लेकिन शमी की पेस भी भारत के काम आ रही है और टीम मैनेजमेंट उन्हें टीम में बनाए रखने के बारे में सोच सकता है। भुवी हैमस्ट्रिंग चोट के कारण टीम से बाहर हैं। यह सही है कि शमी ने रन दिए लेकिन उनकी विकेट लेने की काबिलियत बांग्लादेश और श्री लंका के खिलाफ मैचों में अहम साबित हो सकती है। जडेजा को भी स्थान भारतीय टीम सेमीफाइनल में जगह पक्की करने के बेहद करीब है, ऐसे में रविंद्र जडेजा को भी मौका देना चाहिए, खासतौर से साउथैम्पटन की सूखी पिच पर। अमूमन सूखी पिच पर जडेजा की गेंद को घुमाने की कला और पेस विपक्षी टीम को परेशान कर सकती है। यदि जडेजा को 1-2 मैचों के लिए प्लेइंग-XI में शामिल किया जाता है तो विपक्षी टीम भारतीय स्पिन अटैक की विविधता को समझने में परेशान हो सकती है। जडेजा फील्ड पर भी काफी ऐक्टिव रहते हैं और बल्ले से भी मौका मिलने पर खुद को साबित कर सकते हैं।


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