.. तो क्या रवि शास्त्री की हो जाएगी छुट्टी
नई दिल्ली वर्ल्ड कप में खिताब जीतने में नाकाम रहने के बाद भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड () ने पुरुष क्रिकेट टीम के हेड कोच सहित पूरा सपोर्ट स्टाफ बदलने का फैसला किया है। बोर्ड ने इन पदों के लिए आवेदन आमंत्रित किए हैं। इसके साथ ही यह तय माना जाने लगा है कि की अब दोबारा टीम के हेड कोच के रूप में वापसी नहीं होने वाली। दो साल पहले महान स्पिनर अनिल कुंबले के भारतीय क्रिकेट टीम के साथ कोचिंग करियर के विवादास्पद अंत के बाद कोचिंग का जिम्मा संभालने वाले शास्त्री के काल में भारतीय टीम कोई बड़ा आईसीसी टूर्नमेंट नहीं जीत सकी, हालांकि टीम ने इस साल के शुरू में ऑस्ट्रेलिया में पहली टेस्ट सीरीज जीतकर इतिहास जरूर रचा था। पढ़ें, दिए स्पष्ट पात्रता दिशानिर्देशकोच के रूप में शास्त्री टीम के कप्तान कोहली की पहली पसंद रहे हैं। माना जाता है कि कुंबले के जाने के बाद कोहली के दबाव डालने पर ही शास्त्री को इस पद के लिए चुना गया था। जुलाई 2017 में शास्त्री को मुख्य कोच नियुक्त किए जाने से पहले बीसीसीआई ने नौ बिंदुओं वाले पात्रता दिशानिर्देश दिए थे जिसमें पूरी तरह से स्पष्टता नहीं थी। इस बार हेड कोच, बैटिंग कोच, बोलिंग कोच और फील्डिंग कोच के लिए तीन बिंदुओं के स्पष्ट पात्रता दिशानिर्देश जारी किए गए हैं। योग्यता मापदंडों के अनुसार मुख्य कोच की आयु 60 बरस से कम होनी चाहिए जबकि उसे कम से कम दो साल का अंतरराष्ट्रीय अनुभव होना चाहिए। बोर्ड मुख्य कोच के अलावा बैटिंग कोच, बोलिंग कोच, फील्डिंग कोच, फिजियोथेरेपिस्ट, स्ट्रैंथ एंड कंडीशनिंग कोच और प्रशासनिक मैनेजर की नियुक्त करेगा। इन सभी पदों के लिए आवेदन की अंतिम तारीख 30 जुलाई को शाम पांच बजे तक है। पढ़ें, आवेदन की जरूरत नहींबीसीसीआई ने कहा, ‘टीम इंडिया के मौजूदा कोचिंग स्टाफ को नियुक्ति की प्रक्रिया में स्वत: प्रवेश मिलेगा।’ यानी रवि शास्त्री व टीम से जुड़े अन्य को कोचो को कोई आवेदन देने की जरूरत नहीं होगी। ये सभी दोबारा अपना पद पा सकते हैं, लेकिन टीम को नया ट्रेनर और फिजियो मिलना तय है क्योंकि विश्व कप में भारत की हार के बाद शंकर बसु और पैट्रिक फरहार्ट टीम से अलग हो गए थे। विंडीज टूर तक ऐक्सटेंशनभारत के तीन अगस्त से तीन सितंबर तक होने वाले वेस्टइंडीज दौरे को देखते हुए शास्त्री, बोलिंग कोच भरत अरुण, बैटिंग कोच संजय बांगड़ और फील्डिंग कोच आर श्रीधर के अनुबंध को 45 दिन के लिए बढ़ाया गया है। वेस्टइंडीज दौरे के बाद भारत के घरेलू सत्र की शुरुआत सा. अफ्रीका के खिलाफ 15 सितंबर से होगी। शास्त्री अगस्त 2014 से जून 2016 तक भारतीय टीम के निदेशक भी रहे थे। क्या रखा है पैमाना बीसीसीआई ने हेड कोच के लिए जो पैमाने तय किए हैं वह बहुत ही कड़े हैं। इस पैमाने का मतलब है कि ट्रेवर बैलिस और मिकी आर्थर जैसे बड़े कोच इसकी रेस में शामिल भी नहीं हो सकेंगे। एक नजर उन कुछ नामों पर जो रवि शास्त्री के अलावा टीम इंडिया का कोच बनने की रेस में शामिल हो सकते हैं।
- मुख्य कोच की उम्र 60 से कम होनी चाहिए, साथ ही टेस्ट खेलने वाले देश को न्यूनतम दो साल कोचिंग देने का अनुभव हो
- असोसिएट सदस्य/ए टीम/आईपीएल टीम को तीन साल कोचिंग देने का अनुभव होना चाहिए
- 3 आवेदक ने 30 टेस्ट या 50 वनडे अंतरराष्ट्रीय मैच खेले हों
- बैटिंग, बोलिंग और फील्डिंग कोच के लिए पात्रता नियम समान हैं। सिर्फ आवेदक द्वारा खेले गए मैचों की संख्या में अंतर है। इन तीन पद के आवेदक ने कम से कम 10 टेस्ट या 25 वनडे मैच खेले होने चाहिए
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