Helth & tips, &; Technology tips: बतौर सब्सिट्यूट हिट हैं रविंद्र जडेजा

Thursday, July 4, 2019

बतौर सब्सिट्यूट हिट हैं रविंद्र जडेजा

शशांक शेखर, लीड्सविश्व कप 2015 में रविंद्र जडेजा भारत के सभी 8 मैचों में खेले थे। वहीं 2019 के इस विश्व कप में वह शुरुआती 15 खिलाड़ियों में से इकलौते खिलाड़ी हैं जिन्हें अभी तक एक भी मैच खेलने का मौका नहीं मिला है। वक्त बदल चुका है और साथ ही टीम की प्राथमिकताएं व आवश्यकताएं भी। अपने ऑलराउंड खेल से जडेजा टीम के लिए काफी उपयोगी साबित हो सकते हैं लेकिन इस समय जडेजा का अंतिम 11 में जगह बना पाना मुश्किल नजर आ रहा है। देखें: एजबेस्टन में इंग्लैंड के खिलाफ मुकाबले में उन्होंने जेसन रॉय का शानदार कैच लपककर दिखाया कि वह कितने गजब के फील्डर हैं। इस विश्व कप में जब भी उन्हें सब्सिट्यूट फील्डर के रूप में बुलाया गया उन्होंने अपनी उपयोगियाता साबित की। फिर चाहे वह 30 गज के दायरे में फील्डिंग कर रहे हों या बाहर, उन्हें फील्डिंग करते देखना दर्शकों के लिए सुखद अनुभव होता है। इसके अलावा जडेजा को फील्ड पर देख विरोधी बल्लेबाज के दिमाग में हमेशा एक भय भी बना रहता है। जडेजा जरूर चाहेंगे कि उनका चयन अंतिम 11 में हो लेकिन ऐसा लगता है कि इस विश्व कप में उनकी यह इच्छा पूरी नहीं हो पाएगी। इंग्लैंड के खिलाफ मैच के अनुभव से सीखते हुए भारत ने एजबेस्टन में बांग्लादेश के खिलाफ मैच में एक स्पिनर को अंतिम 11 से बाहर करते हुए तीसरे तेज गेंदबाज को मौका दिया। अगर भारत ने अपने आखिरी लीग मैच में दूसरे स्पिनर को मौका देने का फैसला किया भी तो श्री लंका के खिलाफ युजवेंद्र चहल के साथ कुलदीप यादव को अवसर मिलने की संभावनाएं अधिक हैं। अभी तक देखें तो यह विश्व कप स्पिनर्स के लिए अच्छा नहीं रहा है। विकेट लेने वाले गेंदबाजों की लिस्ट में तेज गेंदबाज सबसे आगे हैं। इस विश्व कप में सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाले स्पिनर्स में शाकिब अल हसन और युजवेंद्र चहल हैं जो सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले बोलर्स की लिस्ट में 15वें और 16वें स्थान पर हैं। इन दोनों ने अभी तक विश्व कप में 11-11 विकेट लिए हैं। मैदान की परिस्थितियां और आकार स्पिनर्स के लिए अधिक मददगार नहीं रहे हैं। इसलिए ऐसा लग रहा है कि भारत भी अब तीन तेज गेंदबाजों के आक्रमण के साथ ही मैदान पर उतरेगा। ऐसे में एकमात्र विशेषज्ञ स्पिनर के रूप में चहल का दावा अधिक मजबूत है। देखें: जडेजा एक अनुभवी क्रिकेटर हैं। उन्होंने 41 टेस्ट, 151 एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय और 40 टी20 इंटरनैशनल मुकाबले खेले हैं। मैदान पर उनकी मौजूदगी जोश भर देती है। उनकी एनर्जी भी देखने लायक होती है।यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि आजकल वह अपनी क्रिकेटीय प्रदर्शन नहीं बल्कि ट्विटर पर संजय मांजरेकर के साथ हुई अपनी लड़ाई के चलते खबरों में हैं। जैसाकि अभी कुछ दिन पहले मोहम्मद शमी ने कहा था कि इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि किसी खिलाड़ी को वर्ल्ड कप में मैच खेलने का मौका मिलता है अथवा नहीं। जडेजा, 'जड्डू' या जैसाकि महेंद्र सिंह धोनी उन्हें कहते हैं 'सर जडेजा', मैच न खेल पाने की बात को दिल से नहीं लगाएंगे। क्या पता कि वह सेमीफाइनल या फाइनल में अपनी फील्डिंग के जरिए ही टीम के लिए महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकें। हालांकि उनकी इच्छा गेंद और बल्ले से भी योगदान देने की होगी।


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