क्यों 'नो बॉल' अंपायर पर सोचने को मजबूर IPL?
मुंबईइंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के पिछले सीजन में अंपायरों द्वारा की गई गलतियों पर खूब हो-हल्ला मचा था। आला दर्जे के अंपायरों के मैदान पर होने के बावजूद पिछले के दौरान कई ऐसे मौके आए थे, जब वे सही फैसला लेने में नाकाम रहे थे खासकर नो बॉल के मामले में। इसके मद्देनजर बीसीसीआई हर मैच के लिए एक ‘स्पेशल अंपायर’ की नियुक्ति कर सकता है, जिसका काम केवल नो बॉल पर नजर रखने का होगा। क्यों नो बॉल अंपायर के लिए मजबूर हआ ?दरअसल, पिछले आईपीएल में नो बॉल के कई फैसलों पर विवाद हुए थे, जिसकी वजह से आईपीएल ऐसे फैसले के लिए मजबूर हुई। भारतीय कप्तान विराट कोहली की भारतीय अंपायर एस रवि से बहस भी हो गई थी जो एक आईपीएल मैच के दौरान मुंबई इंडियंस के लसिथ मलिंगा की नो बॉल नहीं पकड़ सके जिससे रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर वह मैच हार गई। यही नहीं, रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर और सनराइजर्स हैदराबाद मैच के दौरान उमेश यादव को गलत 'फ्रंटफुट नो बॉल' का सामना करना पड़ा था। एक अन्य मैच में चेन्नै सुपर किंग्स के खिलाफ राजस्थान रॉयल्य के गेंदबाज बेन स्टोक्स और मिशेल सेंटनर के वेस्ट हाई फुल टॉस को भी नहीं दिया गया था, जिसे लेकर काफी विवाद हुआ था। पढ़ें- मंगलवार को हुई मीटिंग में हुई चर्चा मुंबई में मंगलवार को हुई आईपीएल की गवर्निंग काउंसिल की बैठक में इस मसले पर चर्चा हुई। बैठक की अध्यक्षता पूर्व क्रिकेटर और आईपीएल चेयरमैन बृजेश पटेल ने की। बैठक के दौरान पावर प्लेयर के कॉन्सेप्ट पर भी चर्चा हुई। हालांकि फिलहाल इस नियम को आईपीएल में लागू नहीं करने का फैसला हुआ। बोर्ड के एक अधिकारी ने साफ किया कि बैठक में इस मसले पर चर्चा हुई लेकिन 8 नवंबर से शुरू हो रहे सैयद मुश्ताक अली ट्रोफी टी20 टूर्नमेंट में इसका ट्रायल करने के लिए बहुत कम समय बचा है। घरेलू टूर्नमेंटों में ट्रायलगवर्निंग काउंसिल के एक सदस्य ने बैठक के बाद कहा कि नो बॉल के लिए स्पेशल अंपायर की नियुक्ति के पीछे कोशिश इस बात की है कि गलतियों में कमी लाई जाएं। स्पेशल अंपायर मैदान पर मौजूद अंपायरों और तीसरे अंपायर के साथ मिलकर काम करेगा। हम टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करना चाहते हैं। उसका काम केवल नो बॉल पर ध्यान केंद्रित करने का होगा। आईपीएल में इस कॉन्सेप्ट को लागू करने से पहले इसे प्रायोगिक तौर पर घरेलू टूर्नमेंटों में आजमाया जाएगा। इस अधिकारी ने कहा कि स्पेशल अंपायर को किसी भी टूर्नमेंट में आजमाया जा सकता है, यहां तक कि रणजी ट्रोफी में भी। विदेश में खेलेंगी टीमेंगवर्निंग काउंसिल की बैठक में यह भी तय किया गया कि खेल को प्रमोट करने के लिए आईपीएल की फ्रैंचाइजियों को विदेशी धरती पर खेलने की अनुमति दी जा सकती है। हालांकि कमिटी ऑफ एडमिनिस्ट्रेटर्स (सीओए) ने आईपीएल फ्रैंचाइजी मुंबई इंडियंस के विदेशी धरती पर कुछ दोस्ताना मैच खेलने के प्रस्ताव को 3 महीने पहले ठुकरा दिया था। हालांकि अब नई गवर्निंग काउंसिल आईपीएल फ्रैंचाइजियों को विदेश में दोस्ताना मैच खेलने के लिए हरी झंडी दे सकती है। एक अधिकारी ने कहा कि हम उस अवधि में फ्रैंचाइजी को कोई छोटा दोस्ताना टूर्नमेंट खेलने की इजाजत दे सकते हैं, जब कोई मैच नहीं खेला जा रहा हो। हालांकि इसके लिए हमें आईसीसी के भविष्य के दौरा कार्यक्रम (एफटीपी) को देखना होगा और इसके बाद ही कोई फैसला लिया जाएगा। नीलामी 19 दिसंबर को कोलकाता में बैठक में यह भी तय किया गया कि आईपीएल की अगली नीलामी इस साल 19 दिसंबर को कोलकाता में होगी। यह नीलामी केवल 1 दिन की होगी। खिलाड़ियों की नीलामी पारंपरिक रूप से बेंगलुरु में होती रही है, लेकिन पिछले साल इसका आयोजन 18 दिसंबर को जयपुर में हुआ था। इस बार नीलामी में हर फ्रैंचाइजी को 85 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया है। किसके पास कितने पैसे? पिछले साल की नीलामी में हर फ्रैंचाइजी को 82 करोड़ रुपये का बजट आवंटित हुआ था, जिसमें से चेन्नै फ्रैंचाइजी ने 3.2, दिल्ली फ्रैंचाइजी ने 8.2, पंजाब फ्रैंचाइजी ने 3.7, कोलकाता फ्रैंचाइजी ने 6.05, मुंबई फ्रैंचाइजी ने 3.55, राजस्थान फ्रैंचाइजी ने 7.15, बैंगलोर फ्रैंचाइजी ने 1.8 और हैदराबाद फ्रैंचाइजी ने 5.30 करोड़ बचा लिए थे। इस साल हर फ्रैंचाइजी के पास खर्च करने के लिए 85 करोड़ रुपये के अलावा पिछले साल की नीलामी के बाद बची राशि भी उपलब्धि रहेगी।
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