टीम इंडिया की नई 'सचिन', कहानी जान चौंकेंगे
अविजित घोष, रोहतक भारतीय महिला टीम की स्टार ओपनर ने ऑस्ट्रेलिया में चल रहे टी20 वर्ल्ड कप में दमदार प्रदर्शन किया और अपनी टीम की जीत में लगातार योगदान दे रही हैं। उनके पिता संजीव वर्मा ने हमारे सहयोगी टाइम्स ऑफ इंडिया को एक इंटरव्यू में बताया कि किस तरह उनका सफर चुनौतियों और संघर्ष से भरा रहा। साल 2013, जब भारत के दिग्गज सचिन तेंडुलकर हरियाणा के खिलाफ अपना आखिरी रणजी ट्रोफी मैच खेलने के लिए रोहतक आए। तब शेफाली वर्मा 10 साल की थी। उनके पिता संजीव वर्मा ने बताया कि किस तरह फ्री पास के लिए लाठीचार्ज हो गया था। पढ़ें, संजीव वर्मा ने कहा, 'फ्री पास के लिए भीड़ पर लाठीचार्ज तक हो गया लेकिन मैं शैफाली, उसके बड़े भाई साहिल और अपने लिए तीन पास पाने में कामयाब रहा।' रोहतक का लाहली स्टेडियम, शहर से करीब 10 किलोमीटर दूर है। उन्होंने कहा, 'हमने पिछली पंक्ति में खड़े ज्यादातर खेल को देखा। मैं शेफाली को पविलियन के करीब ले गया ताकि वह सचिन को खेलते देख सकें। जब वह बल्लेबाजी करने के लिए निकले, तो भीड़ ने 'सचिन, सचिन' चिल्लाना शुरू कर दिया। सचिन के हर रन को चीयर किया। शेफाली ने सचिन को खेलते देखा, दर्शकों की प्रतिक्रिया देखी। उसके के बाद, शेफाली ने मुझसे कहा कि वह अब टेनिस बॉल से नहीं, लेदर बॉल से क्रिकेट खेलना चाहती हैं।' पढ़ें, छह साल बाद, शेफाली ने अपने आइडल की तरह प्रशंसकों को खुशियों के मौके दिए। वह भारतीय महिला टीम की फायर-स्टार्टर और लाइफसेवर रहीं। सहवाग की तरह अंदाज और गेल की तरह निर्भीक छक्के लगाने के साथ, रोहतक की 16 साल की शेफाली ने मौजूदा महिला टी20 वर्ल्ड कप में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया। जब इंग्लैंड के पूर्व कप्तान नासिर हुसैन ने उन्हें 'वाह खिलाड़ी' (a wow player) के तौर पर बताया, तो ज्यादातर क्रिकेट प्रेमियों को भी ऐसा ही लगा। डॉट-बॉल से नाखुश रहने वालीं शेफाली का टूर्नमेंट स्ट्राइक रेट 161 का है, न्यूनतम 50 रनों के साथ इसमें कोई बल्लेबाज नहीं आती। भारत ने चार मैचों में 12 छक्के लगाए हैं लेकिन हरियाणा की इस खेल प्रतिभा ने इनमें से 9 छक्के लगाए जो टूर्नमेंट में बेस्ट है। किस्मत भी उनके साथ रही है। गुरुवार को शेफाली टूर्नमेंट में दूसरी बार प्लेयर ऑफ द मैच बनीं जब न्यूजीलैंड के खिलाफ 34 गेंदों पर 46 रन बनाए। उन्हें जीवनदान भी मिले जिस पर उनके पिता ने कहा, 'हम कह रहे थे की हमारी लड़की के कैच नहीं छूटते, परमात्मा ने हमारी सुन ली।' शेफाली ने शनिवार को भी शानदार प्रदर्शन जारी रखा जब श्रीलंका के खिलाफ 34 गेंद पर 47 रन बनाए। पढ़ें, शेफाली क्रिकेट-प्रेमी जूलर परिवार से आती हैं। 1990 के दशक की शुरुआत में, संजीव, उनके भाइयों और अन्य रिश्तेदारों ने अपनी टीम -वर्मा क्रिकेट क्लब- बनाई। उन्होंने कहा, 'मैंने गेंदबाजी की शुरुआत की और शीर्ष क्रम में बल्लेबाजी की।' जब बच्चे बड़े होने लगे, तो संजीव के बैठने के कमरे का एक हिस्सा टेनिस क्रिकेट के लिए एक अस्थायी क्षेत्र में बदल गया। बाद में, जब वे गांधी आश्रम के पास खेले, तो संजीव ने देखा कि शेफाली के शॉट्स उनके भाई से भी आगे जा रहे हैं, जो उनसे उम्र में डेढ़ साल बड़ा था। शेफाली लड़कों के साथ खेलती थी और कुछ ने इससे मना किया। वे कहते थे कि चोट लग जाएगी। तब शेफाली ने अपने बाल छोटे करने का सुझाव दिया। पापा, उनको पता नहीं चलेगा।' शेफाली ने इसी अंदाज में खेलना जारी रखा और 15 साल 285 दिन की उम्र में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पचासा जड़कर ऐसा करने वालीं सबसे कम उम्र की भारतीय बन गईं। उन्होंने अपने आइडल सचिन के 30 साल पुराने रेकॉर्ड को तोड़ा जब वेस्ट इंडीज के खिलाफ 49 गेंदों पर 73 रन बनाए। जब इस साल शेफाली ने सचिन के साथ एक तस्वीर क्लिक कराई, तो उन्होंने लिखा, 'सचिन सर की वजह से मैंने इस खेल को अपनाया।'
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