Helth & tips, &; Technology tips: रणजी ट्रोफी में शतक- पुजारा के पापा से सीखी बैटिंग

Tuesday, March 10, 2020

रणजी ट्रोफी में शतक- पुजारा के पापा से सीखी बैटिंग

राजकोट मैच के दूसरे दिन सौराष्ट्र की टीम ने और अपने स्टार बल्लेबाज की शानदार पारियों की बदौलत मैच पर अपनी पकड़ मजबूत कर ली है। मंगलवार (मैच के दूसरे दिन) को दोनों खिलाड़ियों ने 5 घंटे तक पिच पर जमकर बैटिंग की और 380 बॉल का सामना करने के बाद दोनों खिलाड़ियों ने 142 रन का महत्वपूर्ण योगदान दिया। सौराष्ट्र के सेमीफाइनल जीत के स्टार अर्पित ने फाइनल मैच में भी शतक जड़कर अपनी टीम को ड्राइविंग जोन में ला दिया है। अर्पित के अलावा दूसरे छोर पर खड़े उनके साथी पुजारा ने भी 66 रन का महत्वपूर्ण योगदान दिया। इस साझेदारी की एक और सबसे खासबात यह रही कि दोनों खिलाड़ी बचपन से एक साथ क्रिकेट खेल रहे हैं और दोनों के बैटिंग कोच भी एक ही शख्स रहे हैं, वह हैं चेतेश्वर पुजारा के पिता अरविंद पुजारा। फाइनल मैच में 287 गेंदों पर 106 रन बनाने वाले अर्पित लगातार दो शतक जड़कर शानदार महसूस कर रहे हैं। इस शतकीय पारी के बाद इस लेफ्टहैंडर बल्लेबाज ने कहा, 'हम दोनों लंबे समय से एक साथ खेल रहे हैं। मैच के पहले दिन पुजारा की तबीयत ठीक नहीं थी तो यह बात मेरे दिमाग में थी कि वह आज बैटिंग करने उतरेंगे। मैं यही चाहता था कि मैं थकू न और उनके साथ खेलता रहूं।' मैच के पहले दिन पुजारा को डिहाइड्रेशन और गले में कुछ दिक्कत के चलते आराम करना पड़ा था। दूसरे दिन जब वह बैटिंग पर उतरे तो एक छोर को उन्होंने अपने चिर-परिचित अंदाज में जकड़े रखा। पुजारा ने 237 बॉल का सामना करके इस मुश्किल भरी पिच पर शानदार 66 रन बनाए। शतक जड़ने वाले वसावाड़ा ने कहा कि पुजारा के साथ बैटिंग करने से उन्हें बहुत फायदा हुआ। वह लगातार बता रहे थे कि मैं पिच पर क्या करूं और कौन सी बॉल से सावधान रहूं। बैटिंग के दौरान हमारा टारगेट यही था कि हम डिफेंसिव क्रिकेट खेलें और बंगाल के गेंदबाजों को थकाने का काम करें। वसावाड़ा ने कहा, 'हमने अच्छी बैटिंग की, यह बल्लेबाजी के लिए आसान विकेट नहीं है। अब हमारे पास बोर्ड पर रन हैं तो हम मजबूत स्थिति में हैं।' 31 वर्षीय इस बल्लेबाज से जब पूछा गया कि मैच के दूसरे दिन उनकी कोई खास रणनीति थी तो उन्होंने बताया, 'हम सिर्फ ज्यादा से ज्यादा बैटिंग करना चाहते थे। इतनी अधिक जितना संभव हो। यहां मामला पिच पर टिके रहने का था। मैंने पुजारा के पिताजी से बैटिंग सीखी है।' इस बल्लेबाज का यह फर्स्ट क्लास सीजन शानदार रहा है। अर्पित ने इस सीजन चार शतक अपने नाम कर लिए हैं।


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