कोरोना: 'कैद' हुए इंडियन बॉक्सर्स, बताया कैसे हैं हालात
रुपेश सिंह, नई दिल्लीतोक्यो ओलिंपिक्स के लिए भारत ने अभी तक बॉक्सिंग में रेकॉर्ड 9 कोटा स्थान हासिल कर लिए हैं और यह भारत में बॉक्सिंग के बढ़ते ग्राफ का एक ताजा उदाहरण है। हालांकि कोरोना की वजह से इन बॉक्सर्स के ओलिंपिक्स अभियान पर छोटा-सा विराम लग गया है। जॉर्डन में आयोजित एशिया/ओशेनिया ओलिंपिक्स क्वॉलिफायर में भाग लेने के बाद स्वदेश लौटे भारतीय बॉक्सरों ने ऐहतियातन खुद को अपने-अपने घरों में कैद कर रखा है। कैंप से तो वे दूर हैं, लेकिन खुद को फिट रखने की हर कोशिश जारी है। तोक्यो ओलिंपिक्स में पदक की सबसे बड़ी उम्मीद अमित पंघाल ने उम्मीद जाहिर की कि कोरोना के बादल जल्द ही छटेंगे और सभी बॉक्सर्स एक बार फिर अपने ओलिंपिक्स अभियान में जुट जाएंगे। 2018 जकार्ता एशियन गेम्स और 2019 बैंकॉक एशियन चैंपियनशिप के गोल्ड मेडलिस्ट इस बॉक्सर ने कहा, ‘हम विदेश से लौटे थे तो ऐहतियातन हमने खुद को क्वारंटाइन कर रखा है। हालांकि अगर कोरोना नहीं भी होता तो भी यह समय हमारे आराम का होता। हम लगातार पिछले कुछ महीनों से कैंप, ट्रेनिंग और टूर्नमेंट में व्यस्त थे। किसी बड़े टूर्नमेंट के बाद शरीर को आराम देने की जरूरत होती है और हम अभी रेस्ट पर ही होते। लेकिन फिलहाल कुछ बंदिशें भी साथ हैं।’ पढ़ें: चीन का बिगड़ेगा खेलअमित का मानना है कि ओलिंपिक्स में चीन एक बड़े दावेदार के तौर पर उतरता है, लेकिन तोक्यो में ऐसा नहीं होगा। क्योंकि फिलहाल कोरोना का सबसे ज्यादा असर उसी देश को हुआ है। 52 किग्रां भारवर्ग के इस बॉक्सर ने कहा, ‘किसी भी खेल में ट्रेनिंग का अहम रोल होता है। आप कुछ दिन ट्रेनिंग से दूर रहते हैं तो दोबारा लय हासिल करने में कुछ वक्त लग जाता है। और जैसा कि हम सुन रहे हैं कि चीन में सब कुछ लगभग ठप पड़ा है। प्लेयर्स की ट्रेनिंग भी नहीं हो रही है, ऐसे में यह लाजिमी है कि उनका खेल भी बिगड़ेगा और इसका सीधा असर मेडल्स की गिनती पर पड़ेगा।’ पढ़ें- लवलीना का इंतजारलगातार दो साल वर्ल्ड चैंपियनशिप में ब्रॉन्ज मेडल जीतने और ओलिंपिक्स के लिए क्वॉलिफाई करने वाली असम की पहली लड़की लवलीना ने भी ‘क्वारंटाइन’ के अनुभव को साझा करते हुए कहा, ‘विदेश से लौटने के बाद से घर में ही हूं। कहीं बाहर नहीं जा रही हूं। लोगों से थोड़ी दूरियां बना रखी है। हालांकि फिलहाल हमारे यहां कोरोना वायरस का ज्यादा खौफ नहीं है, लेकिन ऐहतियात बरत रही हूं। मैं पहली बार ओलिंपिक्स में भाग लेने जा रही हूं और बहुत उत्साहित हूं।’ लवलीना ने बताया कि वह कोरोना की खबरों पर लगातार नजरें बनाए हुई हैं। उन्होंने कहा, ‘हमारी तैयारियां अच्छी चल रही थीं, लेकिन पता नहीं अचानक ये कोरोना कहां से आ गया। लेकिन जैसा कि मैं खबरों में सुन रही हूं कि तापमान के बढ़ते ही इस वायरस का असर कम जाएगा, तब से तापमान के बढ़ने का इंतजार कर रही हूं। ये बात पता नहीं कहां तक सही है। लेकिन मैं यही मान कर चल रही हूं कि ये सच हों।’ पढ़ें- पूरी तैयारी की है, ओलिंपिक रद्द नहीं होना चाहिएअमित पंघाल ने अपनी तैयारी के बारे में कहा, 'हमने अपनी तरफ से मेहनत करने में तो कोई कसर नहीं छोड़ी है और अगर तोक्यो ओलिंपिक्स रद्द होता है तो बहुत तकलीफ होगी। मेहनत वाला हिस्सा हमारी हद में था। उसे हमने पूरी शिद्दत के साथ निभाया, लेकिन अब तोक्यो ओलिंपिक्स में खेल पाना किस्तम के हवाले है। हालंकि अभी ओलिंपिक्स होने में बहुत समय है और उम्मीद है कि सबकुछ समय से पहले ठीक हो जाएगा।' पढ़ें- क्या कहती हैं कोच अली कमरभारतीय महिला टीम की हेड कोच अली कमर कहती हैं, 'हमारे कैंप तो चल रहे हैं। जो खिलाड़ी विदेश से लौटे थे वे अपने-अपने घर चले गए हैं। अगर सबकुछ तय कार्यक्रम के अनुसार चला तो अगले महीने की शुरुआत में वह हमसे जुड़ जाएंगे और अपनी ट्रेनिंग शुरू कर देंगे।' पढ़ें- नंबर्स गेम...
- 9 कोटा ले चुका है भारत बॉक्सिंग में, जोकि अभी तक का बेस्ट है। इससे पहले लंदन ओलिंपिक्स में भारत ने 8 कोटा हासिल किया
- 13 वेट कैटिगरी रखी गई हैं बॉक्सिंग में। 8 मेंस में और 5 विमिंस में। रियो में मेंस में 10 वेट कैटिगरी थी जबकि विमिंस में केवल 3 वेट कैटिगरी
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