चुनौतियां बेशुमार- IPL रद्द होने के आसार बढ़े
नई दिल्ली के रद्द होने के आसार दिखने लगे हैं। कोरोना वायरस के फैलाव को देखते हुए इसको 15 अप्रैल तक के लिए टाल दिया गया था। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ने जब इसे स्थगित करने का ऐलान किया था तब तक देश में लॉकडाउन नहीं हुआ था। हालात को देखते हुए 14 अप्रैल तक पूरा भारत लॉकडाउन में हैं। ऐसे में आईपीएल को इस महीने के दूसरे हाफ से कराने की उम्मीदें धूमिल होने लगी हैं। केंद्र सरकार ने पहले ही 15 अप्रैल तक वीजा संबंधित रोक लगाया हुआ है। इसके बाद स्थिति को देखते हुए समीक्षा की जाएगी कि विदेशियों को भारत आने की अनुमति दी जाए या नहीं। मगर बात इतनी भर नहीं है। जिन देशों से आईपीएल खेलने के लिए काफी तादाद में खिलाड़ी भारत आते हैं उनमें ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड शामिल हैं। इन दोनों देशों में भी कोरोना का प्रकोप बढ़ता जा रहा है और इनके यहां भी खेल गतिविधियां पूरी तरह ठप है। ऑस्ट्रेलिया ने भी अपनी सीमाएं सील कर रखी हैं। बीसीसीआई के सामने चुनौतियां सिर्फ विदेशी खिलाड़ियों को लेकर नहीं हैं। मौजूदा हालात कितने दिनों तक रहेंगे और कब तक सब कुछ सामान्य होगा इसका अनुमान किसी को नहीं है। ऐसे में सूत्रों की मानें तो बोर्ड के शीर्ष अधिकारी इस बात को लेकर चर्चा करने लगे हैं कि क्या आईपीएल-13 को रद्द कर दिया जाए। चुनौतियां बड़ी अलग होंगी दुनिया के सबसे धनी क्रिकेट बोर्ड के सामने बड़ी से बड़ी चुनौतियां और संकट आए हैं। वह अपने धन बल के चलते तमाम बाधाएं पार करता रहा है। यहां तक कि देश में आईपीएल नहीं कराने की स्थितियां बनीं तो विदेश तक में उसे सफलतापूर्वक करा दिया। मगर मौजूदा हालात बिल्कुल अलग हैं। बोर्ड के एक अधिकारी ने बताया कि इस बार की चुनौतियां बहुत बड़ी और बिल्कुल जुदा हैं। चीजें हमारे कंट्रोल में बिल्कुल नहीं हैं। फिलहाल यह कहना मुश्किल है कि देश और दुनिया में हालात 15 अप्रैल के बाद नॉर्मल हो जाएंगे। कल्पना करें कि अगले 15-20 दिन में स्थितियां अनुकूल भी होती हैं तो ट्रेवल, होटेल, मैदान, स्टाफ सबकी समस्या होने वाली है। फिर खिलाड़ियों की अपनी भी चिंता होगी। दर्शक मैदान पर पहुंचेंगे या नहीं यह कहना मुश्किल है। और अगर इस बार अगर मिनी आईपीएल हो भी जाए तो इस पर आने वाले खर्चों को वहन करने के लिए फ्रेंचाइजियां राजी होंगी या नहीं यह भी नहीं कहा जा सकता। यह भी बड़ा सवाल है कि क्या अलग-अलग राज्य सरकारें इस टूर्नामेंट को अपने यहां कराने की अनुमति देंगी या नहीं। ...तब वेतन नहीं मिलेगा कोई खेल नहीं तो कोई वेतन नहीं। इस साल आईपीएल में करार करने वाले खिलाड़ियों के साथ भी ऐसा हो सकता है। आईपीलए फ्रेंचाइजी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने पीटीआई से कहा,‘आईपीएल भुगतान का तरीका ऐसा है कि टूर्नामेंट शुरू होने से एक हफ्ते पहले 15 प्रतिशत राशि दे दी जाती है। टूर्नामेंट के दौरान 65 प्रतिशत दी जाती है। बची हुई 20 प्रतिशित टूर्नामेंट खत्म होने के बाद निर्धारित समय के अंदर दी जाती है। बीसीसीआई के विशेष दिशानिर्देश हैं। निश्चित रूप से किसी भी खिलाड़ी को अभी कुछ नहीं दिया गया है।’ भारतीय क्रिकेटर्स संघ के अध्यक्ष अशोक मल्होत्रा ने स्वीकार किया कि आईपीएल के एक सीजन के नहीं होने का आर्थिक प्रभाव काफी बड़ा होगा। उन्हें लगता है कि कोविड-2019 महामारी से निपटने के लिए चल रहे लॉकडाउन के चलते अगर नुकसान हजारों करोड़ों में होता है तो घरेलू खिलाड़ियों तक को भी कटौती सहनी पड़ेगी। एक अन्य फ्रेंचाइजी के अधिकारी ने स्पष्ट किया कि महामारी के लिए खिलाड़ियों के वेतन का बीमा नहीं किया जाता। उन्होंने पूछा,‘हमें बीमा कंपनी से कोई राशि नहीं मिलेगी क्योंकि महामारी बीमा की शर्तों में शामिल नहीं है। प्रत्येक फ्रेंचाइजी की वेतन देने की राशि 75 से 85 करोड़ रुपये है। अगर खेल ही नहीं होता तो हम भुगतान कैसे कर सकते हैं।’ कटौती पर अभी चर्चा नहीं बीसीसीआई के कोषाध्यक्ष अरूण धूमल ने हालांकि कहा कि इस समय अभी तक कटौती के बारे में कोई चर्चा नहीं हुई है। उन्होंने पीटीआई से कहा,‘कटौती को लेकर कोई भी चर्चा नहीं हुई है। आईपीएल निश्चित रूप से बीसीसीआई का सबसे बड़ा टूर्नामेंट है। लेकिन इस समय गणना करना और नुकसान का अंदाजा लगाना काफी मुश्किल है। हम कुछ नहीं कह सकते, जब तक अधिकारी एक साथ नहीं बैठते क्योंकि गणना काफी पेचीदा है।’ हालांकि पूर्व भारतीय टेस्ट खिलाड़ी मल्होत्रा को लगता है कि परिस्थितियों को देखकर व्यावहारिक होना चाहिए। घरेलू खिलाड़ी के लिए यह कटौती नहीं होगी लेकिन हो सकता है कि उसकी बढ़ाई जाने वाली राशि को कुछ समय के लिए रोका जा सकता है। नया विंडो भी मिलना मुश्किल फिलहाल संकेत हैं कि बीसीसीआई इस साल में एक नया विंडो तलाश रहा है ताकि आईपीएल अप्रैल-मई में नहीं होने की स्थिति में कराया जा सके। हालांकि, यह भी मिलता दिखाई नहीं दे रहा है। अगर मई के बाद दुनिया भर में हालात सामान्य की तरफ बढ़ने लगे तो फिर क्रिकेट के कई द्विपक्षीय या सीरीज के कार्यक्रम तय हैं। इस साल एक ही सूरत में आईपीएल को नया विंडो मिल सकता है जबकि अक्टूबर-नवंबर में ऑस्ट्रेलिया में होने वाला टी20 वर्ल्ड कप रद्द हो जाए। हालांकि, अगर दुनिया तब तक कोरोना के संकट से उबर जाती है तो फिर ऑस्ट्रेलिया एक बड़े टूर्नामेंट की मेजबानी क्यों गंवाना चाहेगा।
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