दंगल नहीं तो रेस सही... पहलवान की ऐसी तैयारी
नई दिल्लीओलिंपिक्स के लिए क्वॉलिफाई कर चुके 86 किग्रा भारवर्ग के रेसलर की प्रैक्टिस भी लॉकडाउन में बाधित है। उन्होंने बताया, 'लॉकडाउन होने के बाद मैं छत्रसाल स्टेडियम से हरियाणा अपने गांव आ गया था। तब से यहीं हूं। मैट पर तो उसके बाद से जा नहीं पाया हूं क्योंकि यह बिना पार्टनर के संभव नहीं। ऐसे में घर में ही दंड लगा लेता हूं और कुछ उठक-बैठक कर लेता हूं।' वह आगे बताते हैं- सुबह चार बजे जब सब सो रहे होते हैं तभी उठकर कुछ दूर दौड़ लगा आता हूं। क्योंकि अगर यह नहीं करूंगा तो फिर शरीर एक तरह से अकड़ जाएगी। हालांकि अभी घर से निकलने पर पूरी तरह पाबंदी है, और मैं इसी को ध्यान में रखते हुए इतनी सुबह जाता हूं। वेट बढ़ने की चिंता... क्या ज्यादा मेहनत नहीं होने की स्थिति में वजन बढ़ने की चिंता है? दीपक ने इस पर कहा, 'यह बात तो सही है कि अभी घर में हूं तो खाना खाने का कोई खास रूटीन भी नहीं रहता। ऐसे में वेट बढ़ने का खतरा रहता है। यही वजह है कि मैं खाने को लेकर चौकन्ना हूं। फिर भी अगर यह बढ़ जाएगा तो कोई बात नहीं, कुछ दिनों में ही फिर से कंट्रोल कर लूंगा। हां, इसके लिए कुछ अतिरिक्त मेहनत करनी पड़ेगी।' ओलिंपिक्स टालना सही फैसलादीपक ने माना कि ओलिंपिक्स को एक साल के लिए टालना सही फैसला है। उनका कहना है कि कोरोना महामारी जिस तरह से पूरी दुनिया में फैली हुई है, कोई नहीं जानता कि यह कब तक कंट्रोल में आएगी। खिलाड़ियों के लिए भी तुरंत अपनी लय और फिटनेस हासिल कर पाना आसान नहीं होता। ऐसे में यह फैसला बिल्कुल सही है।
from Sports News in Hindi: Latest Hindi News on Cricket, Football, Tennis, Hockey & more | Navbharat Times https://ift.tt/2JH0ubu
Labels: Football, Hockey & more | Navbharat Times, Sports News in Hindi: Latest Hindi News on Cricket, Tennis
0 Comments:
Post a Comment
Subscribe to Post Comments [Atom]
<< Home