Helth & tips, &; Technology tips: आखिर BCCI पर क्यों दबाव बना रहा आईसीसी?

Friday, May 29, 2020

आखिर BCCI पर क्यों दबाव बना रहा आईसीसी?

मनोज चतुर्वेदीकोरोना के कहर के कारण दुनिया भर में लगे लॉकडाउन ने क्रिकेट गतिविधियों को एकदम से ठप कर रखा है। आजकल इस खेल को फिर से शुरू करने की कवायद चल रही है। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट कब शुरू हो पाएगा, यह तो आने वाला समय बताएगा, लेकिन इस दौरान पर्दे के पीछे क्रिकेट में बहुत कुछ चल रहा है। दुनिया के सबसे अमीर क्रिकेट बोर्ड और के बीच दबदबा बनाने का संघर्ष चल रहा है। इसके साथ ही आईसीसी के मौजूदा स्वतंत्र चेयरमैन शशांक मनोहर का कार्यकाल खत्म हो जाने पर उनकी जगह किसे लाया जाए, इसको लेकर भी जोड़तोड़ चल रही है। इसके समानांतर इस बात पर भी विचार चल रहा है कि मौजूदा माहौल में क्रिकेट शुरू किया जाए तो किस तरह। जहां तक आईसीसी के स्वतंत्र चेयरमैन की बात है तो इंग्लैंड एवं वेल्स क्रिकेट बोर्ड के पूर्व चेयरमैन कॉलिन ग्रेव्स के इस पद पर बैठने की संभावना प्रबल मानी जा रही है, लेकिन मौजूदा चेयरमैन शशांक मनोहर ग्रेव्स की नियुक्ति के खिलाफ हैं। वजह है, ग्रेव्स द्वारा आईसीसी चेयरमैन का चुनाव जीतने के लिए वेस्ट इंडीज बोर्ड को रिश्वत दिए जाने संबंधी विवाद। हालांकि ग्रेव्स को इस मामले में आईसीसी की एथिक्स कमेटी से हरी झंडी मिल गई है। क्रिकेट जगत का एक हिस्सा ग्रेव्स की जगह बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली को इस पद पर लाना चाहता है। पर गांगुली ने अभी अपने पत्ते नहीं खोले हैं। उनके बीसीसीआई कार्यकाल को लेकर भी फैसला अभी नहीं आया है। बीसीसीआई के नए संविधान के मुताबिक गांगुली नौ महीने के लिए अध्यक्ष चुने गए थे। इस हिसाब से जुलाई में उनका कार्यकाल खत्म होगा और फिर तीन साल का कूलिंग पीरियड शुरू हो जाएगा। बीसीसीआई ने सौरव को तीन साल का कार्यकाल देने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई है, जिस पर अभी सुनवाई नहीं शुरू हुई है। सौरव गांगुली या बीसीसीआई ने आईसीसी चेयरमैन का चुनाव लड़ने के बारे में भले ही कुछ न कहा हो, पर क्रिकेट जगत का एक हिस्सा इसे लेकर उत्साहित है। दक्षिण अफ्रीका के पूर्व कप्तान ग्रैम स्मिथ ने गांगुली को आईसीसी का चेयरमैन बनाने की वकालत की है। ऐसी ही बात कुछ और पूर्व खिलाड़ी भी कह चुके हैं। इन गांगुली समर्थकों की दलील है कि कोरोना की वजह से ज्यादातर क्रिकेट बोर्डों की आर्थिक हालत पतली है, मगर सौरव बीसीसीआई को अच्छे से चला रहे हैं इसलिए वही क्रिकेट को पटरी पर लाने की क्षमता रखते हैं। कहा जा रहा है कि आईसीसी के मौजूदा चेयरमैन शशांक मनोहर भी गांगुली को ही अध्यक्ष बनाना चाहते हैं। क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया के चेयरमैन अर्ल एडिंग्स ने कुछ दिनों पहले आईसीसी को पत्र लिखा था कि हमें इस साल के बजाय अगले साल टी-20 विश्व कप आयोजित करने की अनुमति दी जाए। इसमें दिक्कत यह है कि 2021 में विश्व कप भारत में होना है। इस मामले में 29 मई को टेली कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई आईसीसी बोर्ड की बैठक में कोई फैसला नहीं हो सका। इसे 10 जून को होने वाली बोर्ड बैठक के लिए टाल दिया गया। गतिरोध का कारण बीसीसीआई और आईसीसी के बीच चल रहा टैक्स विवाद हो सकता है। आईसीसी अगले साल भारत में होने वाले टी-20 विश्व कप में भारत सरकार से टैक्ट छूट चाहता है। उसने पिछले दिनों बीसीसीआई को ऐसा न होने पर विश्व कप छीनने की चेतावनी भी दी थी। बीसीसीआई इस मामले में कुछ समय चाहता है, पर आईसीसी समय देने को राजी नहीं है। असल में आईसीसी में एक खेमा इस प्रयास में लगा है कि क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया को 2021 का टी-20 विश्व कप मिल जाए और भारत 2021 के बजाय 2022 के विश्व कप का आयोजन करे। भारत में 2016 में टी-20 विश्व कप का आयोजन हुआ था जिसमें आईसीसी को छूट नहीं मिली थी। तब उसे करीब 200 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था। इस बार टैक्स में छूट नहीं मिलने पर 750 करोड़ रुपये के करीब नुकसान होने का अनुमान है। दिलचस्प बात यह है कि ऑस्ट्रेलिया में इस साल होने वाले टी-20 विश्व कप पर तो आईसीसी कोई फैसला ले नहीं रही है। पर अगले साल अक्टूबर माह में होने वाले टी-20 विश्व कप को लेकर अभी से बीसीसीआई पर दबाव बना रही है। उसे मालूम है कि भारत ही नहीं, सारी दुनिया इस समय कोरोना से त्रस्त है। ऐसे में किसी भी सरकार के लिए टैक्स में छूट के लिए राजी होना मुश्किल है। मौजूदा हालात में टैक्स छूट को लेकर दबाव बनाने के पीछे आईसीसी का मकसद कुछ और हो सकता है। क्रिकेट में एक तरफ पर्दे के पीछे के खेल चल रहे हैं तो दूसरी तरफ खेल को फिर से कैसे शुरू किया जाए, इसको लेकर कवायद भी चल रही है। सबसे पहले इंग्लैंड के वेस्ट इंडीज से सीरीज खेलने की संभावना है। ईसीबी के मुताबिक यह सीरीज ‘जैव सुरक्षित’ माहौल में खेली जाएगी। इसके दौरान क्रिकेट इतिहास में पहली बार गेंद पर लार लगाने की मनाही रहेगी। यह तो वक्त आने पर ही पता चल पाएगा कि यह नियम कितनी सख्ती से लागू हो पाता है, पर राहुल द्रविड़ को लगता है कि ‘जैव सुरक्षित’ माहौल की बात वास्तविकता से परे है। विभिन्न सीरीजों में भाग लेने वाले खिलाड़ियों की थर्मल स्क्रीनिंग तो आप करा लेंगे, पर मैच के दूसरे दिन ही कोई खिलाड़ी कोरोना पॉजिटिव निकल आता है तो क्या टीम के सारे सदस्यों को क्वारंटीन करके मैच खत्म कर दिया जाएगा? अगर नहीं तो जैव सुरक्षित माहौल का क्या होगा? ऐसे में क्रिकेट को आगे बढ़ाना आयोजकों के लिए सचमुच बहुत चुनौतीपूर्ण होगा। बहरहाल, इन स्थितियों में यह उम्मीद ही की जा सकती है कि आईसीसी और बीसीसीआई का टेस्ट विवाद, चेयरमैन का मसला और टी-20 विश्व कप तथा आईपीएल के आयोजन से जुड़े मसले अभी नहीं तो फिर से क्रिकेट शुरू होने से पहले जरूर सुलझा लिए जाएंगे


from Sports News in Hindi: Latest Hindi News on Cricket, Football, Tennis, Hockey & more | Navbharat Times https://ift.tt/3cbax4w

Labels: , , ,

0 Comments:

Post a Comment

Subscribe to Post Comments [Atom]

<< Home