कोरोना सबसे भयानक दौर, दुनिया खौफ में: शास्त्री
के. श्रीनिवास राव, मुंबई प्रथम विश्व युद्ध के 4 वर्ष और दूसरे के 6 वर्ष के दौरान भी वैश्विक स्तर पर खेल की दुनिया में कभी ऐसी अशांति नहीं देखी गई। 75 वर्षों में यह एक ऐसा समय है, जिसने लोगों की भावनाओं को उकसाया, अपने प्रकोप से दुखों को जन्म दिया और खौफ का माहौल पैदा कर दिया। किलर महामारी कोविड-19 की वजह से लगे ब्रेक पर भारतीय टीम के कोच रवि शास्त्री ने भी माना कि यह वह वक्त है, जिसे सबसे भयानक कहा जाएगा। उन्होंने कहा, 'पिछले दो महीने या आने वाले कुछ वक्त 7-8 दशकों में स्पोर्ट्सपर्सन की जिंदगी का सबसे भयानक समय में गिना जाएगा।' भारतीय टीम के कोच कहते हैं, 'यह सामान्य रूप से क्रिकेटरों या खिलाड़ियों के लिए ही नहीं है। इस महामारी से पूरी दुनिया पीड़ित है और स्थिति सामान्य होने का इंतजार कर रही है।' बता दें कि पिछले लगभग 3 महीने से दुनियाभर में लोग घरों में बंद हैं। खिलाड़ियों के सामने होगी बड़ी चुनौतीशास्त्री का मानना है कि जब क्रिकेट फिर से शुरू होगा तो खिलाड़ियों के सामने अच्छे प्रदर्शन के लिए एक बड़ी चुनौती होगी। उन्होने कहा- कोई भी खिलाड़ी कितना भी बड़ा या निपुण क्यों न हो, उसे एक बार फिर से फॉर्म पाने में समय लगता है। उस टच को पाने के लिए उसे संघर्ष करना होगा। यह केवल क्रिकेट की बात नहीं है, बल्कि हर खेले में यह चुनौती होगी। डोमेस्टिक क्रिकेट से हो शुरुआतलॉकडाउन के बाद भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) सहित दुनियाभर में किसी भी बोर्ड को घरेलू क्रिकेट को अधिक से अधिक महत्व देना चाहिए। उन्होंने इस बारे में कहा- मैं अभी विश्व की घटनाओं पर बहुत अधिक जोर नहीं दूंगा। घर पर रहें, सुनिश्चित करें कि घरेलू क्रिकेट सामान्य हो, सभी स्तरों पर क्रिकेटर्स (अंतराष्ट्रीय, प्रथम श्रेणी, आदि) मैदान पर वापस आ जाएं। यह सबसे महत्वपूर्ण है। दूसरा यह कि द्विपक्षीय क्रिकेट सीरीज से शुरुआत करें। यदि हमें (भारत) विश्व कप की मेजबानी और द्विपक्षीय दौरे के बीच चयन करना था, तो जाहिर है हम द्विपक्षीय के लिए समझौता करेंगे। 15 टीमों की बजाय हमें किसी एक टीम से खेलना चाहिए। आईपीएल भी खेल सकते हैंशुक्र है कि जिस समय लॉकडाउन की शुरुआत हुई थी, उस समय तक भारतीय टीम के लिए अंतरराष्ट्रीय सत्र लगभग समाप्त हो चुका था। इस मायने में घरेलू क्रिकेट में इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) का उदाहरण है। जब क्रिकेट शुरू होगा तो हम आईपीएल को प्राथमिकता दे सकते हैं। एक अंतरराष्ट्रीय टूर्नमेंट और आईपीएल के बीच अंतर यह है कि आईपीएल एक या दो शहरों के बीच खेला जा सकता है और लॉजिस्टिक्स को प्रबंधित करना आसान होगा। द्विपक्षीय सीरीज के साथ भी यही बात है। हमारे लिए एक देश में यात्रा करना और इन समयों के दौरान उड़ान भरने वाली 15-16 टीमों की तुलना में विशिष्ट आधार पर खेलना आसान होगा। ऐसी होती है शास्त्री की दिनचर्याउन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) को इस उद्देश्य को देखने की जरूरत है। वह अपनी दिनचर्या के बारे में बताते हैं- सहयोगी स्टाफ के साथ कॉर्डिनेशन, बीसीसीआई की संचालन टीम के साथ कॉर्डिनेशन, राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी (एनसीए) में कोचों के साथ अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट पर बात करना... यह उनमें शामिल है, जो मुझे व्यस्त रखता है। साथ ही कोच को उम्मीद है जल्द है कि यहां माहौल ठीक होगा और खिलाड़ी स्टेडियम तक पहुंच सकेंगे।
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