Helth & tips, &; Technology tips: कोविड-19: जंग में छाए खेल की दुनिया ये हीरोज

Tuesday, June 2, 2020

कोविड-19: जंग में छाए खेल की दुनिया ये हीरोज

हिंडल बसु/रोहन दुआ, नई दिल्लीखेल रहे थे तो अपने करिश्माई प्रदर्शन से दुनियाभर में भारत का सिर गर्व से ऊंचा करते रहे। अब वे पुलिस में नैशनल ड्यूट को अंजाम दे रहे हैं और के मुश्किल समय में मदद करने में भी आगे हैं। दूसरी ओर, मोहम्मद शमी और वीरेंदर सहवाग जैसे स्टार क्रिकटर भी जरूरतमंदों में खाना और मास्क बांट रहे हैं। ये स्पोर्ट्स स्टार्स अपने नेककाम से मिसाल पेश कर रहे हैं। हरियाणा में डीएसपी को ही ले लिया जाए। T20 वर्ल्ड कप-2007 में पाकिस्तान के खिलाफ विनिंग ओवर करने वाला यह दिग्गज क्रिकेटर पेट्रोलिंग और लोगों की मदद करते दिखाई दिया। वह कहते हैं, 'जब लोगों को पता चलता है कि मैं कौन हूं तो उनके बात करने और सुनने का नजरिया ही बदल जाता है। अक्सर हमारी बात क्रिकेट के बारे में करते हुए समाप्त होती है।' और दिवाकर प्रसाद का सराहनीय कामपूर्व भारतीय कप्तान राजपाल सिंह पंजाब पुलिस में डीएसपी हैं। टीम में हाफबैक के तौर पर खेलने वाला यह हॉकी स्टार 2000 के समय तक अपनी स्पीड और पावर के लिए मशहूर रहा। पिछले 3 महीने के के दौरान वह फील्ड में रहे और रात की ड्यूटी में चुनौतीपूर्ण लॉकडाउन में लोगों की मदद करते दिखे। पूर्व बॉक्सर दिवाकर प्रसाद पश्चिम बंगाल में भारतीय रेवले में कार्यरत हैं। वह लॉकडाउन के दौरान प्रवासी मजदूरों को गाइड करते रहे। फैमिली जमशेदपुर में थी, जबकि वह कोलकाता में। वह कहते हैं, 'मेरी साढ़े 4 वर्ष की बेटी को समझाना मुश्किल था कि क्यों वह मुझसे नहीं मिल सकती। हालांकि, पत्नी को पता है कि ड्यूटी पहले आती है।' अजय ठाकुर और भी फील्ड मेंकबड्डी टीम के पूर्व कप्तान अजय ठाकुर हिमाचल प्रदेदश में डीएसपी हैं और उन्होंने लंबे समय तक घर से बाहर फील्ड में रहकर लोगों की मदद की। गुरुगांव में एसीपी (ट्रैफिक) अखिल कुमार ने गाड़ियों की व्यवस्था कर लोगों को रेलवे स्टेशन पहुंचने में अहम भूमिका निभाई। 2006 कॉमनवेल्थ गेम्स के चैंपियन अखिल कहते हैं, 'लोगों की मदद करने से ठीक वैसा ही फील होता है, जैसा कि देश के लिए मेडल जीतने के बाद होता था।' गगन अजीत सिंह और इंदु माठी कहते हैं येपूर्व हॉकी खिलाड़ी और पंजाब पुलिस में डीसीपी गगन अजीत सिंह कहते हैं, 'यह मुश्किल वक्त है। हम जानते हैं कि लोगों के संपर्क में रहना खतरनाक है, लेकिन देश को हमारी जरूरत है।' महिला फुटबॉलर और तमिलनाडु पुलिस में कार्यरत इंदु माठी कहती हैं, 'यूनिफॉर्म में कभी कभी तो देश के लिए खेलने से अधिक मुझे गर्व महसूस होता है।'


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