Helth & tips, &; Technology tips: पेसर, जिसने सचिन को बनाया कप्तान, फिर हटाया!

Friday, June 19, 2020

पेसर, जिसने सचिन को बनाया कप्तान, फिर हटाया!

नई दिल्लीपूर्व भारतीय पेसर रमाकांत देसाई को उनकी शानदार गेंदबाजी के लिए याद किया जाता है। तेज गेंदबाज अकसर लंबे कद के नजर आते हैं, लेकिन देसाई ने अपने छोटे कद के बीच अलग ही पहचान बनाई। बॉम्बे (अब मुंबई) में 1939 में आज ही के दिन यानी 20 जून को जन्मे रमाकांत को 'टाइनी देसाई' के नाम से भी जाना जाता है। 5 फीट 4 इंच लंबे रमाकांत ने उस वक्त तेज गेंदबाजी में नाम कमाया, जब भारतीय बोलरों को वर्ल्ड क्रिकेट में ज्यादा तवज्जो नहीं मिलती थी। 28 टेस्ट के अपने इंटरनैशनल करियर के बाद उन्होंने बतौर खेल प्रशासक काम किया और दिग्गज को अपने कार्यकाल में कप्तानी सौंपी। हालांकि बाद में सचिन को कप्तान पद से हटाने का फैसला भी उन्हीं के कार्यकाल में लिया गया। पढ़ें, 20 की उम्र में डेब्यू, पहले टेस्ट में 4 विकेटरमाकांत देसाई ने 20 साल की उम्र में अपने करियर का पहला टेस्ट मैच खेला। उन्होंने वेस्टइंडीज के खिलाफ फरवरी 1959 में टेस्ट मैच से इंटरनैशनल करियर में पदार्पण किया जो मैच दिल्ली में खेला गया। उन्होंने उस मुकाबले में 169 रन देकर 4 विकेट झटके। हालांकि यह मैच ड्रॉ रहा। खास बात यह रही कि जब वेस्टइंडीज ने इस मैच में 600 से ज्यादा का स्कोर किया तो देसाई ने ही कुछ हद तक प्रभावित किया। लॉर्ड्स में 6 विकेटसाल 1959 में ही देसाई ने लॉर्ड्स में कमाल दिखाया और इंग्लैंड के खिलाफ उस मुकाबले में कुल 6 विकेट झटके। हालांकि भारत की बल्लेबाजी कुछ खास नहीं रही और टीम को 8 विकेट से शिकस्त झेलनी पड़ी। देसाई ने हालांकि अपने प्रदर्शन से सभी का ध्यान खींचा। तब क्रिकेट की प्रतिष्ठित विजडन मैग्जीन ने उन्हें बेहतरीन गेंदबाज करार दिया था। ज्यादा लंबा नहीं रहा करियररमाकांत देसाई का क्रिकेट करियर ज्यादा लंबा नहीं रहा और वह करीब 9 साल तक इंटरनैशनल क्रिकेट खेले। हालांकि अपने करियर के आखिरी टेस्ट मैच में उन्होंने सभी का ध्यान खींचा जब न्यूजीलैंड के खिलाफ डुनेडिन में वह 10वें नंबर पर बल्लेबाजी को उतरे। रमाकांत ने तब 32 रन की पारी खेली और मैच में जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाई। खेलते वक्त उनका जबड़ा भी टूट गया था मगर वह भारत को मुकाबले में जीत दिलाकर ही लौटे। पढ़ें, सचिन को दी कप्तानी, फिर बदलने का फैसलारमाकांत देसाई ने क्रिकेट करियर को अलविदा कहने के बाद खेल प्रशासक के तौर पर जिम्मेदारी संभाली और साल 1996 में वह सिलेक्शन कमिटी चेयरमैन बन गए। अपने कार्यकाल में देसाई ने दिग्गज सचिन तेंडुलकर को कप्तानी सौंप दी थी। हालांकि कप्तान के तौर पर सचिन ज्यादा सफल नहीं रहे। सचिन के प्रदर्शन पर भी इसका असर पड़ा और इसी को देखते हुए देसाई ने अपना फैसला बदलते हुए सचिन को कप्तानी से हटा दिया। ऐसा रहा करियररमाकांत देसाई ने अपने करियर में 28 टेस्ट मैच खेले और कुल 74 विकेट झटके। उन्होंने अपने इंटरनैशनल करियर में एक अर्धशतक भी जड़ा और कुल 418 रन बनाए। करियर का आखिरी टेस्ट मैच उन्होंने डुनेडिन में न्यूजीलैंड के खिलाफ खेला। फर्स्ट क्लास करियर में उन्होंने 150 मैचों में कुल 468 विकेट लिए। 58 साल की उम्र में उन्होंने मुंबई के एक अस्पताल में दुनिया को अलविदा कह दिया।


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