Helth & tips, &; Technology tips: IPL 2020 in UAE: लगातार बढ़ रही है फ्रैंचाइजीज की मांग

Wednesday, August 5, 2020

IPL 2020 in UAE: लगातार बढ़ रही है फ्रैंचाइजीज की मांग

के. श्रीनिवास राव, मुंबई इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) के 13वां एडिशन के साथ चुनौतियों का दौर खत्म नहीं हो रहा है। पहले वैश्विक महामारी कोरोना (COVID-19) के चलते इसे टाला जाता रहा। जब इस समस्या का हल तलाशा गया तो वीवो इंडिया (VIVO IPL Sponsper) ने टाइटल स्पॉन्सर से हाथ पीछे खींच लिए। सेंट्रल पूल से रेवेन्यू कमाने का यह दूसरा सबसे बड़ा जरिया था। हितधारकों के लिए अब वक्त कम बचा है और उन्हें कई सवालों के जवाब देने हैं। बीसीसीआई और गवर्निंग काउंसिल () के प्रस्तावित SOPs और नुकसान की भरपाई के बीच फंसे फ्रैंचाइजीज के लिए कड़ी मुश्किलें हैं। इस बीच बुधवार को सभी फ्रैंचाइजी ने टेलीकॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बैठक की। एक फ्रैंचाइजी गेट मनी (Gate Money in IPL) के नुकसान की भरपाई चाहता है तो दूसरे का कहना है कि वीवो इंडिया के हटने से होने वाली आर्थिक क्षति को BCCI भरे या फिर जल्द ही कोई विकल्प तलाश करे। तीसरा चाहता है कि कैरेबियन प्रीमियर लीग (CPL) खेलकर आने वाले वेस्टइंडीज के खिलाड़ियों के लिए क्वॉरनटीन के नियमों में ढील दी जाए। सीपीएल 10 सितंबर को समाप्त हो रही है। चौथा इसी तरह की छूट इंग्लैंड में सीमित ओवरों की सीरीज (England vs Australia Series) खेलकर आने वाले इंग्लिश और ऑस्ट्रेलियन प्लेयर्स को मिलनी चाहिए। फ्रैंचाइजी की मांगें लगातार बढ़ रही हैं और इनमें से कितनी पूरी हो पाएंगी यह फिलहाल एक बड़ा सवाल है। दूसरी ओर बोर्ड और आईपीएल गवर्निंग काउंसिल के बीच अलग ही तरह का द्वंद्व चल रहा है। बीसीसीआई 'सही प्रक्रिया' का पालन कर Expression of Interest (EOI) के जरिए वीवो का रिप्लेसमेंट तलाशना चाहता है। एक सूत्र ने कहा, 'बीसीसीआई (BCCI) ने वीवो के इस साल बाहर होने के अध्याय को अभी पूरी तरह बंद नहीं किया है। वह अब भी मामले को अंतिम रूप देने में लगा है।' वहीं फ्रैंचाइजी चाहते हैं कि बोर्ड को EOI की प्रक्रिया से बचना चाहिए। उनका मानना है कि इसमें काफी वक्त लग सकता है। वे चाहते हैं कि बोर्ड 'आमने-सामने बैठकर' संभावित रिप्लेसमेंट तलाश ले। फ्रैंचाइजी का कहना है कि इससे काफी वक्त बचेगा। उनका कहना है कि वक्त काफी कीमती है क्योंकि सभी को एक साथ होकर यूएई जाना है ताकि क्वॉरनटीन के नियमों का पालन किया जा सके। साथ ही यह देखा जा सके कि अलग-अलग सिक्योर बायो बबल किस तरह काम करते हैं। टीमों को वहां पहुंचकर प्रैक्टिस भी करनी है। और इन सबके बीच फ्रैंचाइजी को ब्रैंड्स के साथ बातचीत भी करनी है। टीम मालिकों के सामने अब कई चुनौतियां हैं और उनके पास फिलहाल कोई फौरी जवाब नहीं है। बीसीसीआई अभी SOPs पर भी फ्रैंचाइजी के जवाबों का इंतजार कर रहा है। आईपीएल गवर्निंग काउंसिल ने SOP का ड्राफ्ट टीम प्रबंधनों को दे दिया है और उसे उम्मीद है कि ज्यादातर सुझाव आम सहमति से मान लिए जाएंगे। सूत्र ने कहा, 'अगर ऐसा नहीं होता है तो IPL के मामलों में आखिर में बीसीसीआई की ही चलती है। तो अब जरूरी है कि आगे बढ़कर सबको एक साथ लाया जाए। अगर बीसीसीआई ने अभी आगे आकर मामले को सही तरीके से नहीं सुलझाया तो फ्रैंचाइजी को ऐसा करने की आदत पड़ जाएगी। अगर आईपीएल गवर्निंग काउंसिल कहती है कि SOP का अर्थ है कि आपको उठते-बैठते खुद को सैनेटाइज करना होगा, तो आपको करना होगा। इसमें कोई दूसरा रास्ता नहीं है। '


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