धोनी ही नहीं इन क्रिकेटरों ने भी दी हैं सेना में सेवाएं
नई दिल्ली भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान और टेरिटोरियल आर्मी की पैराशूट रेजिमेंट का हिस्सा हैं। क्रिकेट से ब्रेक लेकर धोनी की इस यूनिट के साथ ट्रेनिंग कर रहे हैं। धोनी को कश्मीर घाटी में पोस्टिंग की दी गई है। वह 31 जुलाई से 15 अगस्त तक पट्रोलिंग टीम का हिस्सा होंगे। खबर के अनुसार धोनी पट्रोलिंग की ड्यूटी के बाद सैनिकों के साथ समय बिताएंगे। क्रिकेटरों का सैन्य अभ्यास और सेना का हिस्सा बनना कोई नई बात नहीं है। धोनी 2015 में क्वॉलिफाइड पैराट्रूपर बने थे। इसके लिए उन्होंने आगरा के ट्रेनिंग कैंप में सेना के जहाज से पांच पैराशूट ट्रेनिंग जंप पूरी की थीं। कर्नल सीके नायुडू भारतीय टीम के पहले पहले कप्तान कर्नल सीके नायुडू 1923 में होल्कर राजा के न्योते पर इंदौर पहुंचे थे। उनकी सेना में उन्हें कर्नल का पद दिया गया था। इसके साथ ही लेफ्टिनेंट कर्नल हेमू अधिकारी का टेस्ट करियर दूसरे विश्व युद्ध के कारण देर से शुरू हुआ। उन्होंने 29 साल की उम्र में अपने करियर की शुरुआत की। उन्होंने 21 टेस्ट मैचों में भारत का प्रतिनिधित्व किया। इस दौरान भारतीय टीम ने कुल 47 मैच खेले। इसके बाद चंद्रशेखर गडकरी, नारायण स्वामी, रमन सुरेंद्रनाथ, अपूर्व सेनगुप्ता और वेंटप्पा मुद्दीआ ने भी सेना और क्रिकेट दोनों जगह सेवाएं दीं। ब्रैडमैन भी रहे सेना में यहां तक कि दुनिया के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज कहे जाने वाले भी एक साल के लिए लेफ्टिनेंट के पद पर कार्यरत थे। उन्होंने जून 1940 में ऑस्ट्रेलियन एयरफोर्स जॉइन किया था, इसके बाद उनका तबादला ऑस्ट्रेलियाई सेना में कर दिया गया। और कुछ समय ट्रेनिंग के बाद उन्हें लेफ्टिनेंट का पद दिया गया। लेकिन कमर की बीमारी के चलते उन्हें जून 1941 में सेवामुक्त कर दिया गया। इसी तरह इंग्लैंड के सर लेन हटन ने अपना 23वां और 29वां जन्मदन सेना के ट्रेनिंग सार्जेंट के रूप में मनाया। इसी पद पर काम करते हुए उनकी कलाई में चोट लग गई। इसी वजह से वह अपने करियर में हुक शॉट नहीं खेल पाए। युद्धबंदी के तौर पर हुई मौत हालांकि इस बात की संभावना तो नहीं हैं कि धोनी को युद्ध के मैदान में उतारा जाएगा। हालांकि दूसरे विश्व युद्ध के दौरान कई प्रथम-श्रेणी क्रिकेटर्स को लड़ाई के मैदान में उतरना पड़ा। इंग्लैंड के बाएं हाथ के स्पिनर हेडली वेरिटी, जिन्होंने ब्रैडमैन को अपने करियर के दौरान 8 बार आउट किया- की मौत 1943 में युद्धबंदी के रूप में हुई। उनके नाम ब्रैडमैन को सबसे ज्यादा बार आउट करने का रेकॉर्ड दर्ज है। कॉम्पटन ने खेले इंग्लैंड के लिए 14 टेस्ट लड़ाई के दौरान डेनिस कॉम्पटन ने इंग्लैंड के लिए 14 टेस्ट मैच खेले। इसके अलावा भारत में 17 प्रथम श्रेणी मैच भी खेले। इसी दौरान सार्जेंट मेजर के पद पर काम करते हुए उन्होंने जापान के खिलाफ युद्ध में अपने सैनिकों को तैयार किया। कॉम्पटन ने अपने करियर में कुल 78 टेस्ट मैच खेले। मिलर थे पायलट और शानदार क्रिकेटर अगर कभी धोनी को सही मायनों में युद्ध में उतरना पड़ा, तो वह ऑस्ट्रेलियाई ऑलराउंडर और फाइटर पायलट के करीब पहुंच सकते हैं। मिलर ने दूसरे विश्व युद्ध के दौरान बतौर पायलट अपनी सेवाएं दी थीं। वह एक बहादुर क्रिकेटर थे, हिम्मती पायलट थे, उनके लुक्स के लोग दीवाने थे और उनका संगीत भी शानदार था।
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