तेंडुलकर को 2011 टेस्ट में आउट करने के बाद जान से मारने की धमकी मिली थी: ब्रेसनेन
लंदनइंग्लैंड की टीम से बाहर चल रहे तेज गेंदबाज ने दावा किया है कि 2011 में टेस्ट के दौरान महान बल्लेबाज को 100वें अंतरराष्ट्रीय शतक से महरूम करने के बाद उन्हें और को जान से मारने की धमकी मिली थी। ब्रेसनेन ने कहा कि 2011 विश्व कप में साउथ अफ्रीका के खिलाफ तेंडुलकर ने अपना 99वां शतक पूरा किया था और ओवल में चौथे टेस्ट की दूसरी पारी में वह जब 91 रन बनाकर खेल रहे थे तब उनकी गेंद पर टकर ने इस बल्लेबाज को पगबाधा करार दिया था। ब्रेसनेन ने ‘यॉर्कशर क्रिकेट: कवर्स आफ’ पॉडकास्ट के दौरान कहा, ‘वह गेंद शायद लेग साइड से बाहर जा रही थी और ऑस्ट्रेलिया के अंपायर टकर ने उसे आउट दे दिया। वह 80 के आसपास (असल में 91) रन बनाकर खेल रहे थे और निश्चित रूप से शतक बना लेते। हम सीरीज जीते और दुनिया की नंबर एक टीम बने।’ उन्होंने कहा, ‘हम दोनों को जान से मारने की धमकी मिली, मुझे और उन अंपायर को, इसके बाद कई बार हमें जान से मारने की धमकी मिलती रही। मुझे टि्वटर पर धमकी मिली और उसे लोगों ने उसके घर के पते पर पत्र लिखे। जान से मारने की धमकी के साथ लिखा था कि तुमने उसे आउट कैसे दे दिया? गेंद लेग साइड से बाहर जा रही थी।’ ब्रेसनेन के अनुसार इन धमकियों को देखते हुए टकर को अपनी सुरक्षा बढ़ानी पड़ी। उन्होंने कहा, ‘कुछ महीनों बाद वह मुझसे मिले और कहने लगा कि दोस्त, मुझे सुरक्षा गार्ड रखना पड़ा। ऑस्ट्रेलिया में उसके घर के आसपास पुलिस की सुरक्षा थी।’ तेंडुलकर इसके बाद 2012 एशिया कप के दौरान बांग्लादेश के खिलाफ शतकीय पारी खेलकर अपनी अपने शतकों का सैकड़ा पूरा कर पाए। अक्टूबर 2013 में संन्यास लेने वाले तेंडुलकर 100 अंतरराष्ट्रीय शतक जड़ने वाले दुनिया के एकमात्र बल्लेबाज हैं। उनके टेस्ट और एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैचों में क्रमश: 15921 और 18426 रन बनाए।
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