Helth & tips, &; Technology tips: सचिन से कभी नहीं किया इस बारे में मजाक: अगरकर

Saturday, June 6, 2020

सचिन से कभी नहीं किया इस बारे में मजाक: अगरकर

नई दिल्ली टीम इंडिया के पूर्व तेज गेंदबाज अजीत अगरकर शुरुआत में एक बल्लेबाज थे लेकिन बाद में उन्होंने गेंदबाजी अपनाई। उनके नाम ऐतिहासिक लॉर्ड्स मैदान पर शतक है जबकि के नाम ऐसा नहीं है। पर क्या वह सचिन से इस बारे में बात करते हैं? गौरतलब है कि अगरकर के गेंदबाजी अपनाने में सचिन की अहम भूमिका रही। लॉर्ड्स पर है सेंचुरी ऐतिहासिक लॉर्ड्स मैदान पर सचिन तेंडुलकर ने कोई टेस्ट सेंचुरी नहीं लगाई है जबकि अगरकर के करियर की एकमात्र टेस्ट सेंचुरी उसी मैदान पर है। 25-29 जून, 2002 में खेले गए इस मैच में अगरकर ने भारत की दूसरी पारी में 109 रन की नाबाद पारी खेली थी। भारत हालांकि यह मैच 170 रन से हार गया था। सचिन से कभी नहीं पूछा अगरकर ने कहा कि उन्होंने सचिन से कभी इस बात को लेकर मजाक नहीं किया। जब उनसे पूछा गया कि क्या उन्होंने कभी सचिन से इस बारे में बात की है तो उन्होंने साफ इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि एक बार जब वह केकेआर में रिकी पॉन्टिंग के साथ थे तो मजाक में उनसे जरूर पूछा था कि लॉर्ड्स पर कितनी सेंचुरी हैं। गौरतलब है कि पूर्व ऑस्ट्रेलियाई कप्तान की भी इस मैदान पर कोई सेंचुरी नहीं है। पॉन्टिंग ने लॉर्ड्स पर चार टेस्ट मैच खेले हैं। अपना एक शतक बदलने को तैयार अगरकर ने हंसते हुए कहा कि वह अपना एक शतक इन दिग्गज बल्लेबाजों के रेकॉर्ड के साथ बदलने के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा, इन्होंने (सचिन, पॉन्टिंग) ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में इतना कुछ हासिल किया है कि उनसे इस बारे में पूछा थोड़ा अपमानजनक होगा। नेहरा के साथ की थी पार्टनरशिप अगरकर और आशीष नेहरा के बीच 10वें विकेट के लिए 63 रनों की साझेदारी हुई थी। इस साझेदारी के दम पर ही अगरकर अपना शतक पूरा कर पाए थे। अगरकर हालांकि कहते हैं कि पहली पारी में नेहरा जिस तरह आउट हुए थे उनसे किसी को क्रीज पर टिके रहने की उम्मीद नहीं थी लेकिन नेहरा ने उनका साथ निभाया। नेहरा ने दूसरी पारी में 19 रन बनाए। सचिन की सलाह पर बोलिंग भारत के लिए 288 वनडे इंटरनैशनल विकेट लेने वाले अगरकर ने एक यू-ट्यूब चैनल ओकट्री स्पोर्ट्स में इस बात का खुलासा किया। उनसे जब पूछा गया कि आपने एक बल्लेबाज के रूप में शुरुआत की और बाद में गेंदबाज बन गए तो उन्होंने सही समय पर यह फैसला किया और इसमें सचिन तेंडुलकर ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। अगरकर ने गौरव कपूर से कहा कि यह सचिन की शादी के बाद की बात है। वह कांगा लीग का एक मैच खेलने आए थे। वहां मैंने बोलिंग की थी और एक-दो विकेट लिए थे। तब सचिन ने मेरे कप्तान से जाकर कहा था कि इस लड़के को ज्यादा गेंदबाजी करनी चाहिए। इसके बाद ही मेरे करियर की दिशा में बदलाव आया।


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